स्टाफ कमी से घटा बिरोजा उत्पादन

बिलासपुर। बिरोजा एवं तारपीन कारखाना बिलासपुर में कर्मचारियों की कमी से कारखाने के उत्पाद में भारी कमी आने लगी है। वर्ष 1969 में स्थापित इस कारखाने के उत्पादन में साल दर साल कमी आ रही है। कारण है कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद पदों को नहीं भरा जाना। वर्तमान में उत्पादकता का स्तर इतना गिर चुका है कि कारखाने में अब सिर्फ दो ही शिफ्टों में उत्पादन हो पाता है।
बिरोजा एवं तारपीन कारखाना वर्कर यूनियन इंटक के प्रधान बाबू राम, सचिव श्याम लाल, सह सचिव विनोद कुमार ने कहा कि वर्तमान में सिर्फ 55 नियमित कर्मचारी कारखाने को चला रहे है। यहां पर कर्मचारियों के 105 पद सृजित है। वर्ष 1969 में कर्मचारियों की कुल संख्या 123 थी। उस समय एक दिन में 120 से अधिक ड्रम बिरोजे का उत्पादन दिनभर में हो जाता था। लगातार कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद से पदों को भरा नहीं गया। इससे उत्पादन में गिरता रहा है। अब कारखाने में एक दिन में औसतन से 60 से 65 ड्रम बिरोजे का उत्पादन ही हो पाता है। जहां लगभग 18 पदों को समाप्त कर दिया गया है। 50 पदों को रिक्त होेने के बाद भरा ही नहीं गया है। ठेकेदार के माध्यम से भी लगभग 25 कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है। यह कर्मचारी नियमित कर्मचारियों जितने निपुण नहीं है। कारण है कि इन कर्मचारियों को एक साल से अधिक समय तक काम पर कारखाने में नहीं रखा जाता है। जब तक यह कार्य करने में निपुण होते है। तब तक ठेकेदार का ठेका खत्म हो चुका है। इससे बदलते ठेकेदार के कर्मियों के साथ उत्पादकता भी लगातार गिरती जा रही है। उन्होंने सरकार से पदों को भरने का आग्रह किया है। उधर, कारखाने के जीएम सुशील राणा ने बताया कर्मचारियों की कमी की समस्या के उच्च अधिकारियों को बताया गया है। जल्द ही समस्या का समाधान होने की उम्मीद है।

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